कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा ख़ुद टूट कर वो इक़ दिन मुझसे प्यार करेगा इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाज़ार करेगा
अध्यापक –
टेबल पर चाय किसने गिराई? इसे अपनी मातृभाषा मे बोलो ।
छात्र –
मातृभाषा मतलब मम्मी की भाषा में ?
अध्यापक – हां ।
छात्र – अरे छाती कूटा म्हारा जीव लियां बिना थने चैन नी पड़े ? ओ की थारो बाप ढोली चाय ?
अध्यापक बेहोश !
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में....
बस हम गिनती उसी की करते है
जो हासिल ना हो सका....
50 के सलमान को "लव यू सलमान"
और
अपने से 3-4 साल बड़े लड़कों को
"अंकल" कहने वाली लड़कियों के लिए
नरक में अलग से गर्म तेल के कड़ाही की व्यवस्था है.
रिश्तेदारों के हिसाब से चले तो आप या तो सरकारी नौकर हो जाइये या फिर रिश्तेदारी ख़तम कर दीजिये।
ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं है....
मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर बे-ख़बर नहीं...!!
शायरी नहीं है,
आयकर विभाग की चेतावनी है बे।
बचपन में देखा कि गर्मी ऊन में होती है। स्कूल में पता चला गर्मी जून में होती है। इधर पापा ने बताया कि गर्मी खून में होती है।
ज़िंदगी में बहुत धक्के खाये तब जाकर पता चला कि गर्मी ना तो खून में, ना जून में और ना ही ऊन में होती है, गर्मी तो जुनून में होती है!
कुछ दोस्त वास्तव में अदरक जैसे होते हैं
.
उनकी अहमियत
उन्हें कूटने पर ही पता चलती है
घटिया लोगों की सबसे बड़ी पहचान यह है कि..
उन्हें आप जितनी ज्यादा इज्जत दोगे वे आपको उतनी ही ज्यादा तकलीफ देंगे...!!